Header Ads

ड्रैकुला (उपन्यास)


भूमिका

सब से पहले प्रस्तुत हैं चंद बातें इस कहानी के लेखक ब्रैम स्टोकर के बारे में—

ब्रैम स्टोकर एक आयरिश लेखक थे, जिन्हें उनके 1897 के गॉथिक हॉरर उपन्यास ड्रैकुला के लिये जाना जाता है। अपने जीवनकाल में उन्होंने अभिनेता सर हेनरी इरविंग के निजी सहायक और इरविंग के स्वामित्व वाले लिसेयुम थिएटर के व्यवसाय प्रबंधक के रूप में काम किया था।

अपने शुरुआती वर्षों में, स्टोकर ने एक आयरिश अखबार के लिये थिएटर समीक्षक के रूप में भी काम किया और कहानियों के साथ-साथ कमेंट्री भी लिखी। उन्हें यात्रा का भी शौक था, विशेष रूप से उन्होंने क्रू डेन बे की कई यात्राएं कीं, जहां की पृष्ठभूमि में उन्होंने अपने दो उपन्यास लिखे। ब्रिटिश तटीय शहर व्हिटबी की एक और यात्रा के दौरान, स्टोकर को ड्रैकुला लिखने के लिये प्रेरणा मिली।

उनकी मृत्यु लोकोमोटर एटेक्सिया के कारण 20 अप्रैल, 1912 को हुई और उनका अंतिम संस्कार उत्तरी लंदन में किया गया। उनकी मृत्यु के बाद से, उनकी महान रचना ड्रैकुला अंग्रेजी साहित्य के सबसे प्रसिद्ध उपन्यासों में से एक बन गई है, और इस उपन्यास पर कई फिल्में, लघु कथाएँ और नाटक बन चुके हैं।

स्टोकर का जन्म 8 नवंबर 1847 को आयरलैंड के उत्तरी डबलिन में 15, मैरिनो क्रिसेंट, क्लोंटार्फ में हुआ था। उनके पिता का नाम अब्राहम स्टोकर और माता का नाम चार्लोट मथिल्डा ब्लेक थॉर्नले था। सात भाई-बहनों में स्टोकर का नंबर तीसरा था, जिनमें से सबसे बड़े सर थॉर्नले स्टोकर थे। अब्राहम और शार्लोट चर्च ऑफ आयरलैंड पैरिश ऑफ क्लोंटार्फ के सदस्य थे और अपने बच्चों के साथ पैरिश चर्च में भाग लेते थे, वहीं उनका बपतिस्मा हुआ था।

सात साल की उम्र तक स्टोकर किसी अज्ञात बीमारी से ग्रस्त थे, और बिस्तर पकड़े थे। जब वे पूरी तरह से ठीक हो गए तब सात साल की उम्र में स्कूल में उनका दाखिला कराया गया। इस समय के बारे में स्टोकर लिखते हैं,

"मैं स्वाभाविक रूप से विचारशील था, और लंबी बीमारी के अकेलेपन ने कई विचारों को पनपने का अवसर दिया, जो बाद के वर्षों में अलग-अलग तरह से फलदायी सिद्ध हुए।"

उनकी शिक्षा रेवरेंड (विलियम वुड्स) द्वारा संचालित एक निजी स्कूल में हुई थी। एक बार ठीक हो जाने के बाद बड़े होने तक उन्हें और कोई गंभीर बीमारी नहीं हुई, यहां तक कि डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में पढ़ते हुए उन्होंने एक एथलीट के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने 1864 से 1870 तक भाग लिया।

उन्होंने 1870 में बीए में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, और 1875 में एमए किया। हालांकि बाद में उन्होंने अपने जीवन में "गणित में ऑनर्स" से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने का ज़िक्र किया है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक गलती थी। उन्हें कई खेलों में भाग लेने के कारण विश्वविद्यालय एथलीट नाम दिया गया था, जिसमें डबलिन विश्वविद्यालय के लिये रग्बी का खेल भी शामिल था। वह कॉलेज हिस्टोरिकल सोसाइटी (द हिस्ट) के ऑडिटर और यूनिवर्सिटी फिलॉसॉफिकल सोसाइटी के अध्यक्ष थे। ट्रिनिटी के इतिहास में वे एकमात्र छात्र थे, जो दोनों पदों पर रहे थे, जहां उनका पहला पर्चा कल्पना तथा समाज में संवेदनवाद पर था।

बाद में छात्र-जीवन में ही स्टोकर ने अपने दोस्त डॉ॰ मौन सेल के साथ थियेटर में दिलचस्पी लेना शुरू किया। आयरिश सिविल सर्विस के लिए काम करते हुए वे “डबलिन ईवनिंग मेल” में थियेटर की आलोचना लिखने लगे। थियेटर के आलोचकों की ज़्यादा प्रतिष्ठा नहीं होती थी, लेकिन उनकी समीक्षाओं ने अपनी उत्कृष्टता के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

दिसंबर 1872 में उन्होंने डबलिन के रॉयल थियेटर में इर्विंग के नाटक हैमलेट की सकारात्मक समीक्षा लिखी। इर्विंग ने स्टोकर को शेलबोर्न होटल में रात के खाने पर आमंत्रित किया, जहां वे ठहरे हुए थे, और वहीं उनकी दोस्ती हो गई।

स्टोकर कहानियाँ भी लिखते थे और उनकी कहानी “क्रिस्टल कप” 1872 में लंदन सोसाइटी द्वारा प्रकाशित की गई थी। इसके बाद “द चेन ऑफ डेस्टिनी” चार भागों में शमरॉक में छपी। 1876 में सिविल सर्विस में काम करते हुए ही स्टोकर ने अपनी अ-काल्पनिक किताब “द ड्यूटीज़ ऑफ क्लर्क्स ऑफ पेटी सेशन्स” लिखी, जो 1879 में प्रकाशित हुई। बाद में उनकी रुचि कला की ओर मुड़ गई। उन्होंने 1879 में डबलिन स्केटिंग क्लब की स्थापना भी की।

1879 में स्टोकर की शादी फ्लोरेन्स बाल्कोंब से हुई और 31 दिसंबर 1879 को उनके इकलौता बेटे इर्विंग नोएल थोर्नली स्टोकर का जन्म हुआ। हेनरी इर्विंग के जरिये स्टोकर की पहुँच लंदन की “हाई सोसाइटी” तक हुई, जहां उनकी पहचान जेम्स अबॉट मेकनील व्हिसलर तथा सर ऑर्थर कॉनन डॉयल जैसे लोगों से हुई। इर्विंग के साथ काम करते हुए वे लंदन के काफी कामयाब और व्यस्त लोगों में शुमार होने लगे थे। यहीं उनकी मुलाक़ात हाल केन से हुई, जो उनका इतना अच्छा दोस्त बन गया कि उन्होंने ड्रैकुला उसे समर्पित की।

इर्विंग के साथ स्टोकर ने दुनिया की सैर की, हालांकि वे कभी पूर्वी यूरोप नहीं गए, जो उनके सबसे प्रसिद्ध उपन्यास की पृष्ठभूमि में रहा। स्टोकर को अमरीका बहुत पसंद आया, जहां इर्विंग काफी मशहूर थे। इर्विंग के साथ उन्हें दो बार वाइट हाउस में आमंत्रित किया गया, और वे विलियम मेकिनले और थियोडोर रूज़वेल्ट को जानते थे। उन्होंने अपने दो उपन्यासों की पृष्ठभूमि अमरीका को बनाया और कई अमरीकन चरित्रों की रचना की, जिनमें सबसे मुख्य क्विंसी मॉरिस है।

1890 में स्टोकर ने इंग्लैंड के तटीय शहर व्हिट्बी की यात्रा की, जहां से उन्हें ड्रैकुला लिखने की प्रेरणा मिली। शायद ड्रैकुला का जन्म उनके हंगेरियन दोस्त वैम्बरी की “डार्क स्टोरीज़ ऑफ कार्पेथियन माउंटेन्स” से हुआ होगा। हालांकि इस दावे का कई लोगों द्वारा प्रतिकार किया गया है, जिसमें एलीज़ाबेथ मिलर भी शामिल हैं, जिन्होंने 1990 तक ड्रैकुला तथा उसके लेखक पर शोध किया था। स्टोकेर की मृत्यु 20 अप्रैल 1912 को लंदन में हुई।


अगला भाग पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें


सभी पार्ट्स नीचे उपलब्ध हैं...


No comments