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ड्रैकुला 34

 

"डेमेटर" का लॉग....जारी

4 अगस्त– अभी भी कोहरा छाया है, जिसे सूरज की किरणें भी पार नहीं कर पा रही हैं, मैं जानता हूँ कि सूर्योदय हो गया है, क्योंकि मैं एक नाविक हूँ, और क्यों, पता नहीं। मेरी नीचे जाने की हिम्मत नहीं पड़ रही है, पतवार छोडने की हिम्मत नहीं पड़ रही है, तो मैं सारी रात यहीं था, और रात के धुंधलके में मैंने उसे देखा, उसे! भगवान, मुझे माफ करना, लेकिन साथी सही था जो वह समुद्र में कूद गया। इंसान के रूप में मरना बेहतर है। एक नाविक के रूप में नीले समुद्र में मरना, कोई भी इस पर सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन मैं कप्तान हूँ, और मैं अपना जहाज़ नहीं छोड़ सकता— लेकिन मैं उस शैतान या राक्षस को मात दूंगा, क्योंकि जब मेरी शक्ति जवाब देने लगेगी, तो मैं अपने हाथ व्हील से बांध लूँगा और उनके साथ उस चीज़ को भी बांध लूँगा, जिसे यह चीज़, वह छूने की हिम्मत नहीं करेगा। और फिर हवा अच्छी हो या खराब, मैं अपनी आत्मा को, और कप्तान के रूप में अपने सम्मान को बचा लूँगा। मैं कमजोर होता जा रहा हूँ, और रात हो रही है। अगर वह फिर मुझे आमने सामने मिल गया, तो मुझे कुछ करने का वक़्त भी नहीं मिलेगा...... अगर हम तबाह हो जाएँ तो शायद यह बोतल मिल जाये, और जो इसे पाये, शायद समझ सके। अगर नहीं..... खैर, तो सब लोग जान लेंगे कि मेरा भरोसा सच्चा था। ईश्वर और पवित्र कुंवारी तथा संतों, एक बेचारे अज्ञानी इंसान की मदद करो, जो अपना फर्ज़ निभाने की कोशिश कर रहा है।

बेशक फैसला सामने था। जोड़-घटाने के लिये कोई सबूत नहीं है, कि आदमी ने खुद हत्याएं की हैं या नहीं, अब यह बताने के लिये कोई नहीं है। यहां के लोग लगभग सार्वभौमिक रूप से मान बैठे हैं कि कप्तान बस एक नायक है, और उसे सार्वजनिक अंतिम संस्कार दिया जाना चाहिये। पहले ही व्यवस्था कर ली गई है कि उसके शरीर को नावों की एक ट्रेन से एक टुकड़े के लिये एस्क तक ले जाया जायेगा और फिर टेट हिल पियर और एबी की सीढ़ियों तक वापस लाया जाना है, क्योंकि उसे क्लिफ के चर्चयार्ड में दफनाया जाना है। सौ से अधिक नावों के मालिकों ने पहले ही कब्र तक उसका पीछा करने की इच्छा व्यक्त करते हुए अपने नाम लिखा दिये हैं।

विशाल कुत्ते का कोई निशान नहीं मिला है, जिस पर बहुत शोक मनाया जा रहा है, क्योंकि, वर्तमान स्थिति में जनता की राय के साथ, मुझे विश्वास है, वह शहर द्वारा अपना लिया जायेगा। कल हम अंतिम संस्कार देखेंगे, और इस तरह समुद्र का यह एक और 'रहस्य' समाप्त हो जाएगा।

मीना मरे की डायरी

8 अगस्त— लूसी पूरी रात बड़ी बेचैन रही, और मैं भी सो नहीं सकी। तूफान डरावना था, और क्योंकि यह चिमनियों के बीच बड़ी ज़ोर से टकरा रहा था, इसकी आवाज़ से मैं काँप उठती थी। जब एक तेज़ झोंका आया तो ऐसा लगा जैसे कहीं कोई बंदूक चली हो। अजीब बात यह थी कि लूसी नहीं जागी, लेकिन वह दो बार उठी और कपड़े बदले। खुशकिस्मती से दोनों बार मैं वक़्त पर उठ गई और उसे जगाए बिना उसके कपड़े बदलने में कामयाब रही और उसे वापस बिस्तर पर सुला दिया। बड़ी अजीब बात है, यह नींद में चलना, क्योंकि जैसे ही उसकी इच्छा को किसी भी भौतिक तरीके से विफल कर दिया जाता है, तो उसका इरादा, यदि कोई हो, तो गायब हो जाता है, और वह रोज़ की तरह काम करने लगती है।

सुबह-सुबह ही हम उठ गये और यह देखने के लिये बन्दरगाह पर आ गये कि क्या रात में कुछ हुआ है। वहाँ आसपास बहुत कम लोग थे, और हालांकि सूरज चमक रहा था, और हवा साफ और तरो-ताज़ा लग रही थी, विशाल, उदास सी लहरें जो काली सी दिख रही थीं, क्योंकि उन पर जो झाग था वह बर्फ की तरह था, जैसे बन्दरगाह के दहाने में घुसी चली आ रही थीं, जैसे कोई बदमाश आदमी भीड़ में घुस जाये। किसी तरह मुझे खुशी हुई कि जोनाथन कल रात समुद्र में नहीं था, ज़मीन पर था। लेकिन, ओह, क्या वह ज़मीन पर है, या फिर समुद्र में? वह है कहाँ, और कैसा है? मुझे अब उसको ले कर चिंता के साथ डर भी लाग्ने लगा है। काश मुझे पता होता कि क्या करूँ, और मैं कुछ कर पाती!

10 अगस्त— आज बेचारे समुद्री कप्तान का अंतिम संस्कार दिल को छू गया। लगता था कि बन्दरगाह की हर नाव उसमें शामिल हो गई है, और ताबूत पूरे टेट हिल पियर से होते हुए चर्च परिसर तक कप्तानों द्वारा लाया गया। मेरे साथ लूसी भी आई थी, और हम जल्दी ही अपनी पुरानी सीट पर पहुँच गये थे, जबकि नावों का दल नदी के ऊपर वायाडक्ट तक गया और फिर से नीचे आ गया। हमें बहुत अच्छा नज़ारा मिला, और हमने लगभग पूरा जुलूस देखा। बेचारे आदमी को हमारी सीट के पास ही शांति से सुलाया गया, इसलिये जब समय आया तो हम खड़े हो गए, और हमने सब कुछ देखा। बेचारी लूसी बहुत परेशान दिख रही थी, वह पूरे समय बेचैन और असहज रही, और मैं यह सोचने से खुद को रोक नहीं पाई कि उसका रात का सपना सामने आ रहा है। उसके बर्ताव में कुछ तो बहुत अजीब था। वह मेरे सामने इक़रार नहीं करेगी, कि उसकी बेचैनी की कुछ वजह थी, या अगर ऐसा था तो शायद वह खुद इसको समझ नहीं पा रही थी। एक और वजह भी थी, कि आज सुबह मिस्टर स्वेल्स हमारी सीट पर मरे पाये गये थे, उनकी गर्दन टूटी हुई थी। ज़ाहिर है कि वे, जैसा कि डॉक्टर का कहना था, किसी चीज़ से डर कर सीट पर पीछे गिर गये होंगे, क्योंकि उनके चेहरे से खौफ और आतंक टपक रहा था, जिससे लोग काँप-काँप उठे थे।

बेचारा बूढ़ा आदमी! लूसी बहुत प्यारी और संवेदनशील है, शायद इसलिये उस पर इसका औरों से अधिक प्रभाव पड़ा। अभी वो एक छोटी सी बात से काफी परेशान थी जिस पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया था। हालांकि मैं भी जानवरों से बहुत प्यार करती हूँ। एक आदमी जो अक्सर नावों का नज़ारा करने के लिये यहाँ आया करता था, और अपने कुत्ते को भी लाया करता था। उसका कुत्ता हमेशा उसके साथ होता था। वे दोनों काफी शांत रहते थे और मैं ने उस आदमी को कभी ग़ुस्सा करते नहीं देखा, न कुत्ते को कभी भौंकते देखा। सेवा के समय कुत्ता अपने मालिक के पास नहीं आया, जो सीट पर हमारे साथ ही बैठा था, लेकिन कुछ गज़ दूर खड़ा रहा, और भौंकता और रोता रहा। उसके मालिक ने उसे प्यार से बुलाया, फिर डांट कर बुलाया, और फिर गुस्सा हो गया। लेकिन न वह नजदीक आया, न ही शोर मचाना बंद किया। वह आवेश में था, उसकी आँखों से वहशत टपक रही थी और उसके सारे बाल बिल्ली की पूंछ की तरह खड़े थे, जैसे वह जब लड़ती है तब खड़े हो जाते हैं।

आखिरकार आदमी भी गुस्सा हो गया, और उछल कर खड़ा हो गया और कुत्ते को लात मार दी, और उसे पट्टे से पकड़ कर घसीटते हुए क़ब्र के उस पत्थर पर पटक दिया, जिस पर यह सीट स्थित है। जैसे ही वह उस पत्थर से छुआ, बेचारा बुरी तरह काँपने लगा। उसने भागने की कोशिश नहीं की, लेकिन नीचे झुक गया, और डर के मारे काँपने लगा। वह इतनी दयनीय हालत में और आतंकित था कि मैंने उसे आराम देने की कोशिश की, लेकिन उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

लूसी को भी बहुत दया आ रही थी, लेकिन उसने उसे छूने की कोशिश नहीं की, लेकिन उसे देख कर दुखी होती रही। मुझे बहुत डर लग रहा है कि वह स्वभाव से इतनी ज़्यादा संवेदनशील है कि बिना किसी परेशानी के दुनिया में रह ही नहीं सकती है। मुझे यकीन है कि आज रात पक्का उसे सपने में यही सब दिखाई देगा। यह पूरा घटनाक्रम, जहाज़ का स्टियरिंग एक लाश के हाथ में होना, उसका तेवर, उसका क्रूसिफिक्स के साथ पहिये से बंधा होना, मर्मस्पर्शी अंतिम संस्कार, कुत्ता, जो अभी रोष में था, अभी आतंकित है, यह सब उसके सपनों के लिए ज़मीन बना रहे हैं।
मैं सोच रही हूँ कि उसके लिये सबसे अच्छा रहेगा कि वह शारीरिक रूप से काफी थक कर सोने जाये, तो मैं उसे क्लिफ पर रॉबिनहुड बे तक टहलाने ले जाऊँगी और पैदल ही वापस लाऊँगी। तब शायद उसका नींद में चलने की तरफ उतना झुकाव न हो।

क्रमशः

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