Header Ads

ड्रैकुला 35

 

8

मीना मरे की डायरी

उसी दिन, रात के 11 बजे— ओह, लेकिन मैं थक गई हूँ! अगर मैं ने डायरी लिखने को अपने ऊपर फर्ज़ न कर लिया होता, तो आज रात मैं इसे खोलती भी नहीं। हमने बहुत अच्छी सैर की। कुछ समय बाद लूसी दोहरा व्यक्तित्व प्रदर्शित करने लगी, मुझे लगता है कुछ प्यारी गायों के कारण, जो प्रकाशस्तंभ के पास एक खेत में हमारी ओर अपना थूथन बढ़ा रही थीं, और हमें डरा दिया था। मुझे लगता है कि हम अपने निजी डर के अलावा सब कुछ भूल गये थे, और इसकी वजह से हमारा मन साफ हो गया और हम नई शुरुआत कर पाये। हमने रॉबिनहुड बे पर एक प्यारे से पुराने फैशन के ढाबे में, जिसका छज्जा समुद्र तट की काई से ढकी चट्टानों तक छाया हुआ है, शाम की उम्दा चाय पी। मुझे लगता है हमें नई औरत को अपनी भूख से चौंका देना चाहिये। मर्द, उनका भला हो, ज़्यादा सहनशील होते हैं। फिर हम कुछ, बल्कि कई जगहों पर रुकते-रुकाते, आराम करते, और जंगली बैलों का डर अपने दिल में दबाये, पैदल ही घर लौट आये।

लूसी वाकई थक गई थी, और हम जितनी जल्दी हो सके, बिस्तर में घुस जाना चाहते थे। तभी एक युवा क्यूरेट अंदर आ गया और मिसेज वेसटेनरा ने उसे खाने के लिये रोक लिया। इस पर मेरी और लूसी दोनों की एक धूलधूसरित चक्की वाले से लड़ाई हो गई। मैं जानती हूँ कि मेरी ओर से यह बड़ी कड़ी लड़ाई थी, और मैं काफी बहादुर हूँ। मुझे लगता है कि बिशप लोगों को किसी दिन मिल कर क्यूरेटों के एक नए वर्ग का विकास करने के बारे में सोचना चाहिये, जो रात का खाना न खाते हों, चाहे उनसे कितना ही आग्रह क्यों न किया जाये, और जिन्हें पता हो कि लड़कियां थक गई हैं।

लूसी सो रही है और धीरे-धीरे सांस ले रही है। उसके गालों पर पहले से भी ज़्यादा रंग आ गया है, और ओह, कितनी अच्छी लग रही है। अगर उसे बस ड्राइंग रूम में देख कर मिस्टर होमवुड उसके प्यार में पड़ गये तो मैं सोच रही हूँ कि अगर वे इस समय उसे देखते तो क्या कहते। कुछ नई महिला लेखिकाएँ किसी दिन कोई विचार श्रंखला शुरू करें कि मर्दों और औरतों को प्यार का इज़हार करने और उसे स्वीकार करने से पहले एक दूसरे को सोते हुए देखने की अनुमति दी जाये। मगर मैं मानती हूँ कि भविष्य की महिला प्यार को स्वीकार करने भर तक सीमित नहीं रहेगी। वह खुद ही प्यार का इज़हार करेगी। और इससे भी वह क्या खूब ही काम लेगी। इसमें कुछ छूट मिलेगी। आज मैं बहुत खुश हूँ, क्योंकि लूसी बेहतर लग रही है। मुझे सच में लगता है कि वह बुरा वक़्त पार कर चुकी है, और हमें उसकी सपनों की समस्या से छुटकारा मिल गया है। मुझे और भी खुशी होती, अगर मुझे जोनाथन की भी कुछ खबर मिल जाती। भगवान उसे संभाले और उसकी रक्षा करे।

11 अगस्त, रात के 3 बजे— फिर से डायरी। नींद नहीं आ रही, तो बेहतर होगा कि मैं डायरी लिखूँ। मैं इतनी व्यथित हूँ कि मुझे नींद नहीं आयेगी। हमें बहुत रोमांचक और दर्दनाक अनुभव हुआ है। जैसे ही मैंने अपनी डायरी बंद की, मुझे नींद आ गई थी… अचानक मेरी आँख पूरी तरह से खुल गई, और मैं उठ कर बैठ गई, और मेरे ऊपर अजीब सा एक खौफ तारी हो गया, और मुझे अपने चारों ओर एक खालीपन का एहसास हुआ। कमरे में अंधेरा था, इसलिये मुझे लूसी का बिस्तर नज़र नहीं आ रहा था। मैं टटोलते हुए गई और उसके बिस्तर को टटोला। बिस्तर खाली था। मैंने माचिस जलाई तो पाया कि वह कमरे में नहीं थी। दरवाजा बंद था, लेकिन कुंडी नहीं लगी थी, जबकि मैंने कुंडी लगाई थी। मुझे डर लगा कि कहीं मैं उसकी माँ को न जगा दूँ, जो पहले ही आजकल अक्सर बीमार रहने लगी हैं। तो मैंने कपड़े बदले और उसको ढूँढने जाने के लिये तैयार हो गई। मैं निकलने ही वाली थी, तभी मुझे खयाल आया कि वह क्या कपड़े पहन कर गई है, उससे मुझे अंदाज़ा लग सकता है कि वह कहाँ गई होगी। ड्रेसिंग गाउन मतलब मकान में ही होगी, ड्रेस मतलब बाहर गई होगी। ड्रेसिंग गाउन और ड्रेस दोनों अपनी जगह पर थे।

“शुक्र है,” मैंने खुद से कहा, “वह बहुत दूर नहीं गई होगी, क्योंकि वह बस अपनी रात की ड्रेस पहने है।” मैं दौड़ कर नीचे गई और बैठक में देखा। वह वहाँ नहीं थी! फिर मैंने मकान के बाकी सारे कमरों में देख डाला, और मेरे दिल में डर और आशंकाएँ घर करने लगीं। अंत में मैं हाल के दरवाजे पर आई तो पाया कि वह खुला हुआ है। वह पूरा खुला हुआ नहीं था, लेकिन कुंडी नहीं लगी थी। घर के लोग इतने लापरवाह नहीं हैं कि रात को दरवाजे की कुंडी न लगाएँ, तो मैं समझ गई कि लूसी जैसी थी, वैसे ही बाहर निकल गई है। इतना सोचने का समय नहीं था कि क्या हुआ होगा। सभी विवरण उस डर के नीचे छुप गये, जो मुझ पर हावी होता चला गया।

मैंने एक बड़ा सा भारी शाल ले लिया और बाहर भागी। जब मैं क्रीसेंट में आई तो घड़ी ने एक बजाए, और सड़क पर कोई कानी चिड़िया तक नहीं थी। मैं दौड़ते हुए पूरे उत्तरी टेरेस को पार कर गई, लेकिन उस का कोई नाम-निशान तक नहीं मिला। डर के मारे, या उम्मीद में, पता नहीं क्यों, लेकिन पश्चिमी क्लिफ के किनारे पर घाट के ऊपर से मैं ने बन्दरगाह से ले कर पूर्वी क्लिफ तक नज़र मारी तो देखा कि लूसी हमारी पसंदीदा सीट पर बैठी है।

आसमान पर पूरा चाँद चमक रहा था और काले घने बादलों की आवाजाही जारी थी जिसने पूरे परिदृश्य को अंधेरे-उजाले की एक क्षणिक चित्रावली में बादल दिया था। एक बादल ने सेंट मैरीज़ चर्च और उसके आसपास के क्षेत्र में अंधेरा कर दिया तो एक-दो पलों के लिये मुझे कुछ भी नज़र नहीं आया। फिर जैसे ही बादल छंटा, मैंने देखा, आबी के खंडहर रास्ते में आ रहे थे, और जब रोशनी की एक पतली सी रेखा, इतनी पतली, जैसे तलवार की धार, आगे बढ़ी, चर्च और उसका प्रांगण धीरे-धीरे दिखाई पड़ने लगा। जैसी मुझे उम्मीद थी, मैं निराश नहीं हुई, क्योंकि वहाँ, हमारी पसंदीदा सीट पर चाँद की रुपहरी रोशनी एक सफ़ेद, आधे झुके हुए आकार पर पड़ रही थी। इसके बाद छाया बादल इतना घना था, कि मुझे कुछ नज़र नहीं आया और छाया फौरन ही गायब हो गई, लेकिन मुझे ऐसा लगा, जैसे जहां सफ़ेद आकृति दिखी थी, वहीं सीट के पीछे कुछ काला सा खड़ा था और उसके ऊपर झुका हुआ था। वह क्या था, इंसान था, या जानवर था, कह नहीं सकती।

मैंने दूसरी झलक मिलने तक इंतज़ार नहीं किया, और खड़ी सीढ़ियों से नीचे घाट की तरफ भागी और मछली बाज़ार से होते हुए पुल पर आ गई, जो पूर्वी क्लिफ तक पहुँचने का एकमात्र रास्ता था। शहर में मौत के जैसा सन्नाटा छाया था और कहीं कोई नज़र नहीं आ रहा था। मुझे खुशी हुई कि ऐसा था, क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि कोई भी मिस लूसी की ऐसी स्थिति का गवाह बने। समय और दूरी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही थी। मेरे घुटने जवाब देने लगे थे और एबी की अनगिनत सीढ़ियाँ उतरते-उतरते मेरी सांसें उखड़ी जा रही थीं। मुझे दौड़ना पड़ रहा था और मुझे लग रहा था कि मेरे पाँव मन-मन भर के हो गये हैं और जैसे मेरे बदन के सारे जोड़ों में जंग लग गया है।

क्रमशः

No comments